भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारत को एक ही स्थल पर खेलने के कारण मिलने वाले अनुचित लाभ के विवाद को स्पष्ट रूप से खारिज किया। उन्होंने कहा कि भारतीय टीम ने दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में एक भी बार प्रैक्टिस नहीं की है, जबकि भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में जगह बनाई है, जो 9 मार्च को खेला जाएगा।

क्या एक स्थल पर खेलना भारत के लिए सच में लाभकारी है?
भारत के सभी चैंपियंस ट्रॉफी मैच दुबई में खेले जा रहे हैं, जबकि अन्य टीमें पाकिस्तान के विभिन्न स्थलों पर मैच खेल रही हैं और दो देशों के बीच यात्रा कर रही हैं। इस पर काफी चर्चा हो रही है कि क्या भारत को इसका अनुचित लाभ मिल रहा है। पाकिस्तान को ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का मेज़बान घोषित किया गया था, लेकिन BCCI ने सुरक्षा कारणों से भारतीय टीम को पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया था।
इस विवाद पर गौतम गंभीर ने मंगलवार को एक पोस्ट-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “भारत को दुबई में खेलने से कोई अनुचित लाभ नहीं मिल रहा है। यह स्थल हमारे लिए उतना ही न्यूट्रल है जितना बाकी टीमों के लिए है। हम अब तक इस ग्राउंड पर एक बार भी प्रैक्टिस नहीं कर पाए हैं, हमारी प्रैक्टिस ICC एकेडमी में हुई है।”
भारत के एक स्थल पर खेलने का विवाद कब शुरू हुआ?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर नसीर हुसैन और माइकल एथर्टन ने एक स्काई स्पोर्ट्स पॉडकास्ट में इस विषय पर बात की। इसके बाद दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर रासी वान डेर डुसेन और इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने भी इस पर अपनी राय व्यक्त की।
रासी वान डेर डुसेन ने ESPNCricinfo से कहा, “आपको रॉकेट साइंटिस्ट होने की ज़रूरत नहीं है यह समझने के लिए कि एक ही स्थान पर प्रैक्टिस और खेलना, साथ ही बिना किसी अंतर-शहर या अंतर-देश यात्रा के, भारत को एक बढ़त देता है, जिस पर वे पूरी तरह से दबाव में होंगे।”
वहीं जोस बटलर ने कहा, “वास्तव में नहीं। मुझे लगता है कि यह एक अनोखा टूर्नामेंट है, क्योंकि यह यहां हो रहा है और एक टीम अलग जगह पर खेल रही है, लेकिन मुझे फिलहाल इस बारे में ज्यादा चिंता नहीं है।”
माइकल एथर्टन ने नसीर हुसैन से कहा, “भारत को केवल दुबई में खेलने का क्या फायदा है? यह एक ऐसा लाभ है जिसे हम पूरी तरह से माप नहीं सकते, लेकिन यह एक नकारा नहीं जा सकने वाला लाभ है।”
यह विवाद क्यों जारी है?
कुछ लोग मानते हैं कि एक ही स्थल पर खेलना मानसिक और शारीरिक आराम प्रदान करता है, जबकि अन्य का मानना है कि एक सच्चे चैंपियन का असली परीक्षण विभिन्न परिस्थितियों में अनुकूलन करना होता है। सभी टीमें विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही हैं, इसलिए क्या यह अनुचित लाभ है, इस पर बहस अब भी जारी है।
चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल अब करीब है और भारतीय टीम अपनी पूरी तैयारी के साथ अपनी श्रेष्ठता साबित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, चाहे स्थल कुछ भी हो।